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मूमल कौन थी ? मूमल और महेंद्र की प्रेम कहानी

Mumal and Mahindra Real Love Story in Hindi:- मूमल यह शब्द मैंने सबसे पहले एक बस के पीछे लिखा हुआ देखा था उसके बाद बहुत सी जगहों पर यह शब्द मेरे सामने आया। तो जब बार-बार यह शब्द मेरे सामने आने लगा तो मैंने इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना शुरू किया और जब मुझे मूमल के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हुई तो मैं हैरान रह गया। इसलिए मुझे लगा कि मूमल की यह कहानी मेरे साथ साथ उन सभी लोगों को भी पता होनी जरूरी है जिन्होंने मूमल शब्द कहीं ना कहीं देखा या सुना है।

नमस्कार दोस्तों आप सभी का हमारे ब्लॉग पर बहुत-बहुत स्वागत है। आज हम आपके लिए एक सच्ची प्रेम कहानी लेकर आए हैं जिसके बारे में हर एक प्रेम करने वाले व्यक्ति को पता होना जरूरी है। अगर आप राजस्थान से हैं ? तब तो आपको इसके बारे में जरूर से पता होना चाहिए। क्योंकि इस प्रेम कहानी से संबंधित प्रश्न भी कई बार प्रतियोगी परीक्षा में पूछे जाते हैं। 

Mumal and Mahindra Real Love Story in Hindi


मूमल कौन थी ? मूमल और महेंद्र की प्रेम कहानी 

यह प्रेम कहानी मूमल और महेंद्र की प्रेम कहानी है। रोमियो- जूलियट, लैला- मजनू की तरह यह भी एक बहुत ही प्रसिद्ध प्रेम कहानी है जोकि कई साल पहले राजा महाराजाओं के समय घटित हुई थी।

यह कहानी मूमल नाम की राजकुमारी और महेंद्र नाम के राजकुमार की प्रेम कहानी है। मूमल राजस्थान के जैसलमेर के लोद्रवा की राजकुमारी थी जो की देखने में काफी सुंदर थी। वही महेंद्र अमरकोट (पाकिस्तान) के राजकुमार थे। एक दिन महेंद्र घूमने के इरादे से गुजरात के लिए रवाना हुए। रास्ते में वह मुमल के राज्य में से गुजरे, तभी महेंद्र ने मूमल को पहली बार देखा। 

जब महेंद्र ने मूमल को देखा तो वह उसकी सुंदरता को देखकर मोहित हो गए और महेंद्र को मूमल से प्रेम हो गया, ठीक ऐसे ही जब मूमल ने महेंद्र को देखा तो मूमल को भी महेंद्र से प्रेम हो गया। एक दूसरे को देखने के बाद वो एक दूसरे के इतने करीब आ गए की उन्होंने उसी समय प्रेम विवाह कर लिया। 

हालांकि इस प्रेम विवाह के बारे में किसी को भी पता नहीं था इसलिए महेंद्र अपने राज्य अमरकोट में ही रहते थे जबकि मूमल अपने राज्य में रहती थी। किंतु महेंद्र के पास एक ऐसा फुर्तीला ऊंट था जो महेंद्र को रात में मूमल के राज्य ले जाता है और सुबह आने से पहले पहले अमरकोट वापस भी आ जाता था। इसलिए महेंद्र रोज रात को मूमल के पास जाते और उससे मिलते और सुबह होने से पहले पहले अपने राज्य वापस आ जाते थे।

कुछ समय तक ऐसा ही चलता रहा इसलिए महेंद्र की रानियों को महेंद्र पर शक हुआ की महेंद्र रोज रात को अपने ऊंट को लेकर कहां जाते है ? इसलिए सभी रानी ने मिलकर महेंद्र के उस ऊंट को कुछ काम का बहाना बनाकर किसी अन्य स्थान पर भेज दिया। इस कारण से उस रात महेंद्र को एक दूसरा ऊंट लेकर मुमल से मिलने के लिए जाना पड़ा। किंतु वह ऊंट महेंद्र के पुराने ऊंट जितना फुर्तीला नहीं था इसलिए महेंद्र उस रात मुमल के पास नहीं पहुंच पाया। 

उधर मूमल भी रातभर महेंद्र का इंतजार करती रही और जब महेंद्र रात को नहीं आया तो वह इंतजार करते-करते ही सो गई। इसके बाद सुबह होने के बाद दिन में मुमल अपनी बहन सुमल के साथ राजा रानी का खेल खेलने लगी जिसमें मूमल रानी बनी और सुमल राजा बनी थी इसलिए सुमल ने पुरुष जैसी वेशभूषा बना रखी थी। खेल खेलने के बाद मूमल और सूमल उसी वेशभूषा में मुमल के कमरे में बिस्तर पर सो गई। बदकिस्मती से उसी दौरान महेंद्र मूमल के महल में पहुंचे और जब महेंद्र ने मूमल के कमरे में प्रवेश किया तब उसने मुमल को किसी अन्य पुरुष के साथ सोता हुआ देख लिया जो कि वास्तव में मूमल की बहन सुमल ही थी। बस उसने एक पुरुष की वेशभूषा बना रखी थी। लेकिन महेंद्र इस बात से अनजान था, उसे लगा मूमल ने उसे धोखा दिया है इसलिए महेंद्र उसी समय अपने टूटे हुए दिल के साथ वापस अपने राज्य अमरकोट आ गया।

इसके बाद जब काफी दिनों तक महेंद्र मूमल से मिलने नहीं आया तब मूमल का मन बेचैन होने लगा और वह महेंद्र से मिलने के लिए तड़पने लगी। इसलिए उसने फैसला किया कि वह महेंद्र से मिलने के लिए उसके राज्य अमरकोट जाएगी। मूमल अमरकोट के लिए रवाना हो गई, जब मूमल अमरकोट महेंद्र के महल के बाहर पहुंची और उसने द्वारपाल से कहा कि वह महेंद्र की पत्नी है और वह महेंद्र से मिलना चाहती है इसलिए महिंद्र तक यह संदेश पहुंचाया जाए। जब महेंद्र को यह पता चला तब महेंद्र ने गुस्से में द्वारपाल से कहलवा दिया कि मूमल को बोल दो कि महेंद्र की मृत्यु हो चुकी है इसलिए उससे मिलना अभी संभव नहीं है।

इसलिए द्वारपाल ने ठीक ऐसा ही किया और मूमल को ऐसा ही बोल दिया। जब मूमल ने महेंद्र की मृत्यु के बारे में सुना तो उसी क्षण उसके शरीर से प्राण निकल गए। क्योंकि वह महेंद्र से इतना प्रेम करती थी कि वह महेंद्र के बिना जीने की कल्पना भी नहीं कर सकती थी। इसलिए जब मूमल ने महेंद्र की मृत्यु के बारे में सुना तो उसी समय उसके प्राण निकल गए।

इसके बाद जब महेंद्र को मूमल के बारे में पता चला और उस रात को जो हुआ उसकी सच्चाई पता चली तो महेंद्र का भी दिल टूट गया और उसने भी मूमल के वियोग में अपने प्राण त्याग दिए।

इस प्रकार से महेंद्र और मूमल की यह प्रेम कहानी पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध हो गई क्योंकि असली प्रेम तो वही होता है जो अपने प्रेमी के बिना एक पल भी जी ना सके।

तो दोस्तों मूमल और महेंद्र की प्रेम कहानी यही थी जो हमने आपको बताई। इसी प्रेम कहानी की वजह से ही मूमल का नाम इतना ज्यादा प्रसिद्ध हुआ और मूमल की इस प्रेम कहानी की वजह से ही उनकी प्रेम कहानियों को आज भी इतिहास की किताबों में और प्रेम की कहानियों में पढ़ा जाता है। तो दोस्तों अभी आपको अच्छे से पता चल गया होगा कि मूमल कौन थी ? मूमल की प्रेम कहानी क्या है ? मूमल और महेंद्र की प्रेम कहानी क्या थी ? अगर आपको यह कहानी पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर कीजिएगा और अगर आप ऐसी ही कहानियां पढ़ते रहना चाहते हैं तो आप हमारी इस वेबसाइट को रोज विजिट कर सकते हैं। 

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