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राजस्थानी पहनावा लहरिया और फाग, ये कब पहने जाते है ?

Rajasthani lahriya aur faag kya hota hai aur ye kab pehna jata hai आप मे से बहुत से लोगो ने राजस्थानी पोशाक लहरिया और फाग के बारे मे जरूर सुना होगा। तो आज हम आपको इसी के बारे मे बताना चाहते है। राजस्थानी वेशभूषा अपने देश के साथ साथ विदेशो मे आज के समय मे बहुत लोकप्रिय हो रही है जिसमे राजपूती पोशाक, घाघरा ओढ़नी, बंधेज, फाग और लहरिया है। आज हम आपको लहरिया और फाग के बारे मे जानकारी देने वाले है। जैसे की लहरिया क्या होता है ? फाग क्या है ? लहरिया और फाग कब पहना जाता है ? तथा इनमें क्या अंतर होता है ?

राजस्थानी पहनावा लहरिया और फाग, ये कब पहने जाते है ?


राजस्थानी पहनावा लहरिया और फाग, ये कब पहने जाते है ?

सबसे पहले तो हम आपको ये बता दे की लहरिया और फाग दोनो ही राजस्थान का हिस्सा है और यहां की औरतों द्वारा पहने जाना वाला वस्त्र है। इन दोनों प्रकार के पहनावे में अंतर होता है। क्योंकि इनकी डिजाइन और कलर से लेके इनको पहनने का समय और अवसर भी अलग होता है। 


लहरिया क्या होता है ? कब पहना जाता है ?

अपने राजस्थान मे मान्यता है कि लहरिया बहुत ही खास अवसर पे पहना जाता हैं, जिसको राजस्थान मे तीज का त्योहार कहा जाता हैं। मानसून के समय मे हमारे हिंदी कैलेंडर के अनुसार सावन का महिना होता है जिसमे तीज का त्योहार आता है और राजस्थान मे सावन के महीने को बहुत खास माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सावन का महिना हर तरफ हरियाली ही हरियाली कर देता है और तीज के त्योहार से ही अपने हिंदी कैलेंडर के हिसाब से हिंदू त्योंहारों की शुरुआत होती है।

सावन मे चारो और हरियाली होने से इसको हरियाली तीज भी कहा जाता है। महकती हुई हरियाली को शांति का प्रतीक माना जाता है और उसी का प्रतीक लहरिया को माना जाता है। लहरिया को खास तोर से राजस्थानी महिलाओं द्वारा सावन के महीने मे पहना जाता है और इसको विवाहित और कुंवारी लड़किया भी पहन सकती हैं। इसमें कपड़ो पे लहर की तरह रंग बिरंगी लहर बनी हुई होती है। इसमें ना सिर्फ दुपट्टे बल्कि ओढ़नी, साड़ी, राजपूती पोशाक और बहुत सी डिजाइन में सूट भी होते है जो देखने और पहन ने मे बहुत अच्छे लगते है। राजस्थान मे जयपुर का लहरिया सबसे प्रसिद्ध माना जाता है। 


फाग क्या है ? फाग कब पहना जाता है ?

फाग भी राजस्थान में महिलाओं द्वारा पहने जाने वाला पहनावा है जो की होली के त्योहार पर पहना जाता है। हिंदी कैलेंडर के हिसाब से होली का त्योहार जिस महीने में आता है इस महीने को फागुन/ फाल्गुन कहा जाता है। इसी फाल्गुन महीने में फाग वस्त्र को पहना जाता है। 

Source Meesho

फाग वेशभूषा खास तौर से कुछ रंगो मे ही होता है जिसमे इनका बॉर्डर गुलाबी और लाल रंग होता है और इनके बीच का हिस्सा सफ़ेद और पिला होता है। इसमें भी बहुत तरह के कपड़े आते है जिसमे राजपूती पोशाक, साड़ी, ओढ़नी शामिल हैं। फाग को सिर्फ विवाहित औरते ही पहनती है। 

हमारी तरफ से ये थी छोटी सी जानकारी लहरिया और फाग को लेकर थी। हमे आशा है आपको राजस्थानी वेशभूषा भाग और लहरिया के बारे में जानकारी जरूर पसंद आई होगी और अगर आप भी इसके बारे मे और जानते हो तो हमे नीचे comment में जरूर बताएं।

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