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अनुसूचित जाति और जनजाति में क्या अंतर होता है ?

What is the difference between schedule castes (SC) and (ST) schedule tribes in hindi:- देश आजाद होने के बाद जब संविधान लिखा गया तो उसमें अनुसूचित जाति और जनजाति इन दो समूह को विशेष जगह दी गई तथा संविधान में इन जाति तथा जनजाति समूह के लोगों को सभी प्रकार की सरकारी नौकरियों के लिए विशेष रूप से आरक्षण दिया गया ताकि इन समूह लोगों को भी समान अवसर मिल सके और यह भी अपना भविष्य बेहतर बना सके।

अनुसूचित जाति और जनजाति शब्द को तो हम में से हर किसी ने सुन रखा है। लेकिन अनुसूचित जाति और जनजाति में कौनसे लोग आते हैं ? तथा जाति और जनजाति में क्या अंतर होता है ? यह सवाल हम में से बहुत से लोगों के मन में अक्सर आता रहता है। अगर आप भी जानना चाहते हैं की जाति और जनजाति में क्या अंतर है ? तो इस लेख को अंत तक पढ़िएगा आपको इसके बारे में पूरी जानकारी हो जाएगी।

अनुसूचित जाति और जनजाति में क्या अंतर होता है ?


अनुसूचित जाति और जनजाति में क्या अंतर होता है ?

अनुसूचित जाति में लोगों के ऐसे समूह आते हैं जो की बाकी समाज के साथ मिलजुल कर तो रहते हैं लेकिन उनके रहन-सहन तथा उनके कार्य व्यवसाय की वजह से उनके साथ भेदभाव होता है। तथा अनुसूचित जनजाति में ऐसे समूह आते हैं जो की हमारे समाज में ही नहीं आते हैं जो जंगलों तथा पहाड़ी इलाकों में बाकी दुनिया से अलग होकर रहते हैं जिनका रहन-सहन बाकी दुनिया से बिल्कुल ही अलग होता है उन्हें बाकी दुनिया से कोई भी मतलब नहीं होता है। ऐसे समूह के लोगों को आदिवासी कहा जाता है जो की आज भी अपनी हजारों साल पुरानी रहन सहन प्रणाली को अपना कर रखते है, उन्हे आधुनिक दुनिया के बारे में कोई भी जानकारी नहीं होती है।


जाति क्या होती है ?

हमारे देश में पुराने समय से ही जाति प्रथा का प्रचलन है। अगर हम पुराने समय की बात करें तो पहले हमारे देश में रहने वाले लोग अलग-अलग समूह में रहते थे जिनकी पहचान उनके रहन-सहन और कार्य व्यवसाय से की जा सकती थी और इसी के आधार पर हर एक समूह की अलग-अलग जाति घोषित की गई। इसके बाद किसी भी व्यक्ति की जाति उसके जन्म पद पर आधारित होने लगी। 

अगर हम अभी की बात करें तो अभी जाति जन्म के आधार पर तय की जाती है। मान लीजिए कोई मेघवाल जाति का व्यक्ति है और उसे कोई संतान होती है तो उस संतान की जाति भी मेघवाल ही होगी। ठीक ऐसे ही बाकी जाति समूह के लोगों की जाति जन्म के आधार पर तय होती है।

आपको बता दें कि हर एक जाति समूह के अपने कुछ रिती रिवाज और नियम कानून होते हैं जिनका पालन उस जाति के हर एक व्यक्ति को करना पड़ता है। जैसे कि कुछ जातियों में अपनी ही जाति में शादी करने का रिवाज होता है और शादी के सारे तौर तरीके अलग अलग होते है। अगर आप जानना चाहते है की अनुसूचित जाति में कौन कौनसी जातियां आती है ? तो इसके बारे में आप गूगल पर सर्च कर सकते है।


जनजाति क्या होती है ?

जनजाति ऐसे लोगों के समूह को कहा जाता है जो कि मुख्य रूप से जंगल या पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं। यह लोग बाकी आधुनिक दुनिया से पूरी तरह से अलग-थलग अपनी ही दुनिया में रहते हैं, इन्हें आधुनिक दुनिया से कोई भी लेना देना नहीं होता है। इन लोगों की अपनी एक अलग भाषा, संस्कृति और रिति रिवाज होते हैं जो की पूरी तरह से परंपरागत होते हैं। आज भी यह लोग उसी तरीके से रहते है और रीति रिवाज निभाते हैं जैसे कि उनके पूर्वज हजारों साल पहले निभाते थे। यह लोग आज भी अपनी हजारों साल पुरानी संस्कृति पर कायम रहते हैं और उसी के अनुसार अपना जीवन यापन करते हैं।

आपको बता दें कि जनजातीय लोग जाति समूह लोगों की तरह किसी एक कार्य व्यवसाय पर निर्भर नहीं रहते है यह लोग जीवन जीने के लिए जरूरी सभी कार्य करते हैं जबकि हर एक जाति समूह के लोगों का अलग-अलग कार्य व्यवसाय होता है। अगर आप जानना चाहते है की अनुसूचित जनजाति में कौन कौनसी जातियां आती है ? तो ये लेख पढ़े।


FAQ

अनुसूचित जाति और जनजाति में से ज्यादा फायदा किसको मिलता है ?

सरकारी योजनाओं का फायदा तथा सरकारी भर्तियों में अनुसूचित जनजाति को ज्यादा फायदा मिलता है।

क्या बाहरी जाति के लोग अनुसूचित जनजाति में शामिल हो सकते है ?

नही ऐसा संभव नहीं है।

अनुसूचित जनजाति में शामिल होने के लिए करना होगा ?

किसी भी व्यक्ति की जाति का चयन उसके माता पिता की जाति के अनुसार होता है। इसलिए हम चाहकर भी अनुसूचित जनजाति में शामिल नहीं हो सकते है।

तो दोस्तों अभी आप अच्छे से जान गए होंगे कि अनुसूचित जाति और जनजाति में क्या अंतर होता है ? या अनुसूचित जाति क्या होती है ? अनुसूचित जनजाति क्या होती है ? अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। इसके अलावा अगर आप ऐसे ही किसी अन्य टॉपिक पर जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं। 

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