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Right to Health बिल क्या है ? इसके फायदे और नुकसान क्या है ?

What is right to health bill full information in hindi:- राजस्थान बजट 2023 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा बहुत सारी घोषणा की गई है और जनता को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने की कोशिश की गई है। बजट 2023 में जहां पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई बड़ी-बड़ी घोषणायें की, वही कुछ ऐसे कदम भी उठाए गए जिनको लेकर ना सिर्फ राजस्थान में बल्कि देशभर में इनकी चर्चा हो रही है जिनमें से एक घोषणा Right to Health बिल लाने की है। 

राजस्थान के बजट 2023 में राइट टू हेल्थ बिल मुख्यमंत्रीजी के द्वारा लाया गया है जिसकी चर्चा देशभर में हो रही है क्योंकि राजस्थान भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसमें राइट टू हेल्थ को शुरू किया गया है। इस बिल को लाने के बाद राजस्थान के कई शहरों में प्राइवेट तथा सरकारी चिकित्सकों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है क्योंकि इस बिल में ऐसे कई नियम है जोकि निजी चिकित्सालयों के हक में नहीं है। इसलिए निजी अस्पतालों के कर्मचारी और डॉक्टर्स इस बिल का विरोध भी कर रहे हैं।

इस लेख में हम आपको Right to Health बिल क्या है ? इससे आम जनता को क्या फायदा होगा ? राइट टू हेल्थ के बिल के फायदे और नुकसान क्या क्या है ? इन सब के बारे में हम चर्चा करने वाले हैं। तो अगर आप राइट टू हेल्थ बिल के बारे में पूरी जानकारी जानना चाहते हैं तो इस लेख को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ें।


Right to Health बिल क्या है ?

Right to Health का मतलब हिंदी में 'स्वास्थ्य का अधिकार' होता है। यानी की अभी राजस्थान में रहने वाले हर एक नागरिक को किसी भी सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवाने का अधिकार होगा। अब कोई भी हॉस्पिटल मरीज का इलाज करने से मना नहीं कर सकता है भले ही मरीज के पास हॉस्पिटल का बिल चुकाने के पैसे ही ना हो। हालांकि इस बिल में कई नियम और शर्तें भी हैं इसलिए ऐसा बिल्कुल नहीं है कि मरीज हर एक स्थिति में बिल्कुल फ्री में हॉस्पिटल में इलाज करवा सकता है। इसके लिए कुछ नियम और शर्ते हैं जिनका विवरण राइट टू हेल्थ बिल में किया गया है।

वैसे तो इस बिल में बहुत सारे नियम है लेकिन फिर भी इस बिल के आने के बाद आम जनता को क्या-क्या लाभ होगा ? या राइट टू हेल्थ बिल की प्रमुख बातें क्या क्या है ? वो यहां पर हम आपको बताने वाले हैं।


Right to Health बिल के फायदे और नुकसान

अगर हम इस बिल के फायदे और नुकसान की बात करें तो इस बिल के आने के बाद आम जनता को फायदा ही फायदा होगा और जितने भी निजी चिकित्सालय हैं उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ेगा। हालांकि इसके बारे में अभी पूर्ण जानकारी नहीं है लेकिन राज्य भर में निजी चिकित्सालयों के द्वारा इस बिल का विरोध किया जा रहा है क्योंकि उनका मानना है कि इस बिल के आने के बाद उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। आगे हम बात करेंगे कि निजी चिकित्सालयों को इस बिल के कारण क्या क्या नुकसान हो सकते हैं।


Right to Health बिल के फायदे

वैसे तो इस बिल में कई प्रावधान है लेकिन फिर भी यहां पर हम आपको इस बिल के कुछ प्रमुख फायदे बता रहे हैं जो कि आम जनता को होने वाले हैं।

> Right to Health बिल के आने के बाद आपातकालीन परिस्थिति में कोई भी सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल पैसों की कमी या पैसे ना होने के कारण मरीज का इलाज नहीं रोक सकता है भले ही मरीज के पास पैसे हो या ना हो। हॉस्पिटल को मरीज का इलाज करना ही पड़ेगा। अगर कोई हॉस्पिटल पैसे ना होने के कारण मरीज का आपातकालीन परिस्थिति में इलाज करने से मना करता है तो हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

> राजस्थान का कोई भी हॉस्पिटल मरीज के बिल भुगतान न करने की स्थिति में किसी भी मृत शरीर को नहीं रख सकता भले ही मृतक के परिवारजनों के द्वारा बिल का भुगतान किया जाए या ना किया जाए हॉस्पिटल को मृत शरीर परिवार जनों को सौंपना पड़ेगा।

> अगर किसी हॉस्पिटल में कोई मरीज आपातकालीन स्थिति जैसे एक्सीडेंट, दिल का दौरा या किसी अन्य गंभीर बीमारी के कारण आता है तो पैसों के अभाव के कारण हॉस्पिटल इलाज करने से मना नहीं कर सकता, हॉस्पिटल को इलाज करना ही पड़ेगा।

> अगर कोई मरीज हॉस्पिटल में आता है और उस हॉस्पिटल में मरीज का इलाज करने की पूर्ण व्यवस्था ना हो इसलिए अगर हॉस्पिटल उस मरीज को किसी अन्य हॉस्पिटल में रेफर करता है तो दूसरे हॉस्पिटल तक मरीज को पहुंचाने की व्यवस्था खुद उसी हॉस्पिटल के द्वारा की जाएगी।

तो Right to Health बिल के प्रमुख फायदे थे जो कि आम जनता को होने वाले हैं। किंतु प्राइवेट चिकित्सकों का मानना है कि इस बिल के कारण उन्हें कई नुकसान भी होंगे जिनके बारे में चलिए हम नीचे चर्चा करते हैं।


Right to Health बिल के नुकसान

> प्राइवेट हॉस्पिटल्स का ऐसा मानना है कि इस बिल के आने के बाद उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। जैसे कि कोई भी मरीज सामान्य बीमारी होने पर भी अपने आप को आपातकालीन मरीज दिखाने की कोशिश करेगा ताकि उसे बिल ना चुकाना पड़े, ऐसी स्थिति में हॉस्पिटल को नुकसान होगा।

> इसके अलावा निजी चिकित्सालयों का यह भी कहना है कि इस बिल में ऐसे बहुत सारे नियम है, बहुत सारी परिस्थितियां हैं जिनके बारे में इस बिल में सही तरीके से और पूर्ण वर्णन नहीं किया गया है इसलिए इसका खामियाजा निजी अस्पतालों को भुगतना पड़ेगा। इसके अलावा और भी कई कारण है जिनकी वजह से निजी अस्पताल इस बिल का विरोध कर रहे हैं।

तो यह कुछ प्रमुख कारण है जिनकी वजह से निजी चिकित्सालयों के द्वारा इस बिल का विरोध किया जा रहा है। यह बिल सही है या गलत ? इसके बारे में हर किसी की अलग-अलग राय हो सकती है। आपकी क्या राय है ? हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताए। इसके अलावा अगर आप इस बिल के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप राजस्थान सरकार की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर राइट टू हेल्थ बिल को डाउनलोड करके इस बिल के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यहां पर हमने जो भी जानकारी बताई है वह इंटरनेट पर आधारित सूचनाओं के आधार पर बताई है। इसलिए यहां बताई गई जानकारी में त्रुटि भी हो सकती है। इसलिए आप एक बार इस बिल के ऑफिशियल नोटिफिकेशन को भी जरूर पढ़ ले।

दोस्तों अभी हम उम्मीद करते हैं कि आपको राजस्थान right to health bill kya hai ? Iske fayde aur nuksan के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। अगर इस बिल को लेकर अभी भी आपके मन में कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।  

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