What is defference between bed and special bed in hindi:- जब हमारी स्नातक स्तर की शिक्षा पूर्ण हो जाती है तो उसके बाद हमारे पास आगे की पढ़ाई करने के लिए मुख्य रूप से 2 ऑप्शन होते हैं या तो हम स्नातकोत्तर यानी कि पीजी कर सकते हैं या फिर हम b.ed कर सकते हैं। b.Ed क्या है ? इसके बारे में हम सभी अच्छे से जानते हैं। बीएड को General B.Ed भी कहते हैं।
अगर आप शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाते हुए एक अध्यापक या अध्यापिका बनना चाहते हैं तो स्नातक करने के बाद आपको b.Ed करना पड़ता है। b.Ed के बारे में हम सभी अच्छे से जानते हैं लेकिन आजकल b.Ed के साथ Special b.Ed नाम भी काफी चर्चा में आने लगा है। आपने भी कहीं ना कहीं स्पेशल b.Ed शब्द जरूर सुना होगा या देखा होगा। तो इसीलिए आज के इस लेख में हम आपको यही बताने वाले हैं की Special b.Ed क्या होती है ? जनरल बीएड और स्पेशल बीएड में क्या अंतर होता है ? अगर लेख पढ़ने के बाद आपको हमारी जानकारी अच्छी लगे तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी जरूर कीजिएगा।
General B.Ed क्या होती है ?
दोस्तों सामान्य बीएड को सिर्फ b.ed के नाम से जानते हैं जिसके बारे में हम सभी काफी अच्छे से जानते हैं। यह 2 साल का कोर्स होता है जो की स्नातक पूर्ण करने के बाद कर सकते हैं। b.Ed करने के बाद हम अध्यापक बनने की योग्य हो जाते हैं और अध्यापक भर्ती परीक्षा की एग्जाम दे सकते हैं। अगर हम परीक्षा में पास आ जाते हैं तो हमारा चयन एक अध्यापक के रूप में हो जाता है फिर हम अपनी योग्यता के अनुसार स्कूल या कॉलेज में एक अध्यापक के रूप में काम करना शुरू कर सकते हैं।
Special B.Ed क्या होती है ?
स्पेशल बीएड भी एक 2 साल का कोर्स होता है किंतु अभी इस कोर्स को 4 साल का करने की बात हो रही है। इस कोर्स को भी हम स्नातक करने के बाद ही कर सकते हैं। अगर हम फीस की बात करें तो इसकी फीस भी सामान्य बीएड के जितनी ही होती है लेकिन special b.Ed दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए की जाती है।
जैसा कि आप भी जानते हैं की हमारे देश में दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देने के लिए नए-नए अभियान चलाया जा रहे हैं लेकिन दिव्यांग बच्चों को एक सामान्य अध्यापक नहीं पढ़ा सकता है। इसके लिए स्पेशल अध्यापकों की जरूरत होती है जो कि दिव्यांग बच्चों को अच्छे से पढा सके। जैसे कि मान लीजिए कोई बच्चा अंधा है या बहरा है तो ऐसे बच्चों को एक सामान्य अध्यापक नहीं पढ़ा सकता है। ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए स्पेशल तरीकों और इक्विपमेंट्स की जरूरत होती है जो की स्पेशल b.Ed कोर्स में सिखाए जाते हैं। इसलिए स्पेशल बीएड कोर्स में दिव्यांग बच्चों को कैसे पढ़ाते हैं ? यह चीज सिखाई जाती है। वहीं सामान्य b.Ed में सामान्य बच्चों को पढ़ाने की प्रक्रिया सिखाई जाती है।
सामान्य बीएड और स्पेशल बीएड में क्या अंतर है ?
सामान्य बीएड सामान्य बच्चों को पढ़ाने के लिए किया जाने वाला एक कोर्स है और वही स्पेशल बीएड विकलांग को बच्चों को पढ़ाने के लिए किया जाने वाला कोर्स है। स्पेशल बीएड कोर्स करने के बाद आप विकलांग बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ सामान्य बच्चों को भी पढ़ा सकते हैं और एक अध्यापक के रूप में कार्य कर सकते हैं लेकिन एक सामान्य बीएड कोर्स किया हुआ अध्यापक विकलांग बच्चों को नहीं पढ़ा सकता है। इसलिए समय के साथ साथ स्पेशल b.Ed कोर्स की लोकप्रियता भी बढ़ती जा रही है क्योंकि स्पेशल b.Ed करने के बाद हमारे पास सामान्य और स्पेशल दोनों प्रकार के विद्यार्थियों को पढ़ाने का अवसर रहता है।
FAQ
BED कितने साल का कोर्स होता है ?
BED 2 साल का कोर्स होता है।
स्पेशल बीएड कोर्स कितने साल का होता है ?
स्पेशल बीएड अभी तक 2 साल का हुआ करता था पर अभी इस कोर्स को 4 साल का किया जाना प्रस्तावित है।
स्पेशल बीएड किसलिए किया जाता है ?
विकलांग बच्चों को कैसे पढ़ाना चाहिए ये सीखने के लिए स्पेशल बीएड कोर्स किया जाता है।
दोस्तों हमने अपनी तरफ से bed aur special bed me kya antar hota hai ? इस बात को आसान से आसान शब्दों में समझाने की कोशिश की है किंतु फिर भी अगर आपको स्पेशल b.Ed से संबंधित कोई सवाल पूछना हो तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।
0 टिप्पणियाँ